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एग्रीमेंट के आंशिक पालन व प्रतिकूल कब्जे के कारण मकान पर आप के कब्जे को हटाया नहीं जा सकता

समस्या-

सुधाकर मुण्डा ने ग्राम, पोस्ट पोटमदगा, प्रखंड दुलामी, थाना रजरपा प्रोजेक्ट, जिला रामगढ़, झारखण्ड से पूछा है-

मेरे पिताजी ने 40 साल पहले घर बनाने के लिए जमीन 2000 हजार रुपये में खरीदी थी। जिसकी लिखित एक सफ़ेद पेज पर है। हमने उस जगह पर जमीन मालिक के सहमति से घर बना लिया है। लेकिन मेरे पिताजी रजिस्ट्री नहीं करवा सके। अब मेरे पिताजी की स्वर्गवास हो चुका है। अब जमीन मालिक हमें हटाने की धमकी देता है और घर उजाड़ने की कोशिश करता है। ऐसे हम क्या करें?

समाधान-

आप के पिताजी ने 40 वर्ष पूर्व 2000 रुपए में जमीन खरीदी। जमीन खरीदने का कागज लिखा है, उसमें बेचने वाले ने जमीन पर कब्जा देना और 2000 रुपए प्राप्त करना अंकित है और बेचने वाले के हस्ताक्षर हैं। इस का अर्थ यह है कि जमीन के स्वामी और आप के पिताजी के बीच एक एग्रीमेंट हुआ था। जिसका आंशिक पालन (Part Performance) जमीन की कीमत प्राप्त कर तथा उस जमीन पर कब्जा दे कर पूरी कर दी गयी थी। बाद में आपके पिता ने उस पर मकान घर बना लिया था। इस मकान को बनाए भी 30-40 वर्ष अवश्य हो चुके होंगे। उस एग्रीमेंट में अब एक ही बात होना शेष थी कि आप के पिताजी को विक्रय पत्र की रजिस्ट्री करानी थी जिस पर विक्रेता ने निष्पादन के हस्ताक्षर करने थे।

आप के विपक्ष में केवल एक बात है कि आप के पिताजी जमीन के विक्रय पत्र की रजिस्ट्री नहीं करवा सके। लेकिन पक्ष में दो बातें हैं। पहली यह कि एग्रीमेंट के आँशिक पालन में आप के पिताजी ने जमीन का कब्जा ले कर मकान बना लिया। संपत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 53-ए के अनुसार यदि संपत्ति के अन्तरण के किसी एग्रीमेंट की आंशिक पालना में कोई व्यक्ति संपत्ति का कब्जा प्राप्त कर लेता है तो विक्रेता या उसका कोई भी उत्तराधिकारी उस संपत्ति का कब्जा वापस प्राप्त नहीं कर सकता। इस तरह विक्रेता और उसके उत्तराधिकारी आप से आप के पिता द्वारा खरीदी गयी संपत्ति का कब्जा वापस प्राप्त नहीं कर सकते।

दूसरी बात जो आपके पक्ष में है वह यह कि आप के पिता को उस संपत्ति पर कब्जा किए और मकान बनाए 30-40 वर्ष हो चुके हैं। कम से कम 12 वर्ष से अधिक से उस जमीन और मकान पर आप का कब्जा मालिक की हैसियत है। इस तरह आप का उस जमीन पर प्रतिकूल कब्जा (एडवर्स पजेशन) है। सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय में यह निर्धारित कर दिया है कि जिस जमीन पर किसी व्यक्ति का एडवर्स पजेशन हो चुका है वह उस जमीन पर अपने कब्जे को बनाए रखने के लिए और यदि उस का कब्जा छीन लिया जाता है तो उसे वापस प्राप्त करने के लिए कानूनी कार्यवाही कर सकता है। एडवर्स पजेशन का अधिकार उत्तराधिकार में हस्तान्तरित भी होता है।  

इस परिस्थिति में आप उक्त दोनों आधारों पर जमीन के विक्रेता या उसके उत्तराधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए दीवानी न्यायालय में घोषणा का वाद संस्थित कर सकते हैं कि उक्त जमीन व मकान पर जमीन विक्रय के एग्रीमेंट की पार्ट परपोरमेंस तथा एडवर्स पजेशन के आधार पर विधिपूर्वक काबिज हैं और उस पर आप के अधिकार उस भूमि के स्वामी के समान हैं। इसी वाद में अस्थायी निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं कि प्रतिवादीगण आप को इस जमीन व मकान से बेदखल न करे। इस के लिए आप किसी स्थानीय अच्छे और अनुभवी सिविल वकील की मदद लें तो बेहतर रहेगा।

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