विक्रेता वही वस्तु विक्रय कर सकता है जो उस के पास है।
गजेन्द्र कुमार मीना ने ऑफिस नं. 9, प्रथम तल डीडीए मार्केट, जीएच-4 पश्चिम विवाह दिल्ली से राजस्थान राज्य की समस्या भेजी है कि-
मैं ने अभी एक अलवर राजस्थान में एक जमीन खरीदी है 110 वर्ग गज, परन्तु रजिस्ट्री नही हुई है, नोटरी का एग्रीमेंट हुआ है। रजिस्ट्री में लिखा गया है कि ये जमीन मंदिर माफ़ी की आराजी महाराज की है, जिस पर विक्रेता का कब्जा है। क्या आप मुझे बतायेंगे कि मंदिर माफ़ी (नाम) की जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती है तो मेरा एग्रीमेंट कानून जायज है या नहीं?
समाधान-
आप इतना तो समझते ही होंगे कि जो चीज आप की नहीं है उसे आप बेच नहीं सकते। यदि आप किसी ऐसी वस्तु को मुझे बेचने का करार करते हैं जो आप की नहीं है तो वह करार सही नहीं होगा। लेकिन वह वस्तु आप के कब्जे में है और जब तक वह आप के कब्जे में है आप उस के माध्यम से हर वर्ष कुछ कमाई कर लेते हैं या उस वस्तु का उपयोग कर सकते हैं तो वैसी स्थिति में उस वस्तु का कब्जा भी मूल्यवान हो उठता है। यदि आप यह कहते हुए कि इस वस्तु पर मेरा स्वामित्व तो नहीं है लेकिन इस का कब्जा मेरे पास है और यह वस्तु मैं आप को दे रहा हूँ तो वह वस्तु मेरे स्वामित्व की तो नहीं होगी। लेकिन जब तक वह मेरे कब्जे में रहेगी मैं उस का उपयोग कर सकता हूँ या उस से लाभ कमा सकता हूँ।
ऐसी ही स्थिति आप के इस एग्रीमेंट की है। विक्रेता आप को स्पष्ट रूप से कह रहा है कि उस जमीन पर उस का स्वामित्व नहीं है, केवल कब्जा है जिसे वह आप को बेच रहा है। अब आप के पास जब तक वह जमीन कब्जे में है आप उस का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह आप उस जमीन का स्वामित्व नहीं अपितु उस का केवल कब्जा खरीद रहे हैं।
जहाँ तक रजिस्ट्री का प्रश्न है तो आप के इस एग्रीमेंट की रजिस्ट्री हो भी सकती है। क्यों कि इस एग्रीमेंट में कुछ बी नाजायज या गैर कानूनी नहीं है। उस व्यक्ति के पास केवल कब्जा था और वह आप को वही विक्रय कर सकता है। लेकिन एग्रीमेंट या विक्रय पत्र के पंजीयन से भी आप को केवल कब्जा ही मिलेगा न कि उस जमीन का स्वामित्व। उस जमीन का स्वामित्व तो तभी मिल सकता है जब कि उस जमीन का स्वामी उस वस्तु को आप को विक्रय कर दे। जब तक उस जमीन को आप से वापस लेने के लिए उस का स्वामी कोई कानूनी कार्यवाही कर के आप से उस का कब्जा नहीं ले लेता है तब तक आप उस जमीन का उपयोग कर सकते हैं।
Kya100roopyeke astampe agriment manyhai ki nahi with notry