बंटवारे का वाद प्रस्तुत कर न्यायालय से बंटवारा कराएँ।
समस्या-
उमाकान्त ने देवी तहसील सौसर, जिला छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
दादाजी ने अपने जीवनकाल में कोई बंटवारा नहीं किया और न ही नाप के हिसाब से जोतने के लिए दिया। लेकिन उन की मृत्यु के बाद जिन्हें जोतने को ज्यादा मिला वे बंटवारा नहीं चाहते लेकिन बाकी हिस्सेदार बंटवारा चाहते हैं। हमन कुछ कानूनी कार्यवाही की लेकिन उन्हों ने जानपहचान से रद्द करवा दी। बताए हमें क्या करना चाहिए।
समाधान-
आप ने क्या कानूनी कार्यवाही की यह नहीं बताया। हमें लगता है कि आप ने कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की बल्कि आप राजस्व अधिकारियों को फिजूल मैं आवेदन देते रहे। अब आप की समस्या का हल न्यायालय द्वारा बंटवारे में है। आप ने यह भी नहीं बताया है कि दादाजी के देहान्त के बाद नामान्तरण भी हुआ है या नहीं। यदि नहीं हुआ है तो नामान्तरण कराना चाहिए।
यदि नामान्तरण हो गया है तो ठीक वर्ना नामान्तरण की कार्यवाही के साथ साथ आप को चाहिए कि आप राजस्व न्यायालय में अपनी जमीन के बंटवारे, खाते अलग अलग करने और अपने हिस्से पर पृथक कब्जा दिलाए जाने के लिए वाद प्रस्तुत करें। बाकी सभी हिस्सेदार और राज्य सरकार जरिए तहसीलदार पक्षकार बनेंगे। यह वाद तब तक चलेगा जब तक कि बंटवारा हो कर सब को अपने अपने हिस्से पर अलग कब्जा न मिल जाए।
मै छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ मेरे पिता जी ने जमीन ख़रीदा था उस जमीन में मेरा और मेरे 2 भाई और 2 बहन का नाम सामिल है और साथ में मेरे चाचा जी का भी सामिल है और अब मेरे पिता जी और माता जी का देहांत हो चूका है और उस सामिल खाता की जमीन आपसी सहमति से बटवारा में मेरे हिस्से मे आई है और अब मै उस सामिल खाता की जमीन में उन सब का नाम आपसी सहमति से हटवाना चाहता हूँ जिसके लिए मुझे आप अपनी राय दे ताकि मेरे कम आसानी से हो सके और आगे चल कर कोई परेसानी न हो
अपनी समस्या https://teesarakhamba.com/कानूनी-सलाह-फॉर्म/ पर रखें