विक्रय से पहले भूखंड का नामान्तरण और विक्रय की अनुमति प्राप्त कर लें …
आलोक शर्मा ने भरतपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिताजी का देहांत होगया है। पिताजी के नाम से एक प्लाट है जो कि नगर विकास न्यास से रूपान्तरित है, जिस पर मकान बना हुआ है। पिताजी की कोई वसीयत नहीं है। मेरी माँ, मैं और मेरा एक भाई मकान को बेचना चाहते हैं। कैसे बेचें बताने का कष्ट करें।
समाधान-
किसी भी संपत्ति को उस के स्वामी विक्रय कर सकते हैं। उक्त भूखंड के स्वामी आप के पिता थे। उन के देहान्त के साथ ही उन के उत्तराधिकारी उक्त भूखंड के स्वामी हो चुके हैं।
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार पत्नी, माता, पुत्र व पुत्रियाँ किसी व्यक्ति के उत्तराधिकारी हैं। आप के पिता के मामले में आप की माता जी और आप के सभी भाई व बहनें पिता जी के उत्तराधिकारी हैं। यदि आप की दादी का देहान्त हो चुका है और आप के व आप के भाई के अतिरिक्त कोई भाई बहन नहीं हैं तो आप की माताजी, आप व भाई संयुक्त रूप से विक्रय पत्र निष्पादित कर उक्त संपत्ति को क्रेता को हस्तान्तरित कर सकते हैं।
आप का भूखंड नगर विकास न्यास से रूपान्तरित है। इस का अर्थ यह है कि वह अब नगर विकास न्यास से आप के पिता के नाम लीज पर है। आप को उक्त भूखंड को विक्रय करने के पहले लीज का नामान्तरण आप के पिता के उत्तराधिकारियों के नाम कराएँ। इस के लिए नगर विकास न्यास को आवेदन करें। उत्तराधिकारियों के नाम नामान्तरण होने के उपरान्त नगर विकास न्यास से उक्त भूखंड को विक्रय करने की अनुमति नगर विकास न्यास को आवेदन देकर प्राप्त करें। आप दोनों आवेदन एक साथ कर सकते हैं। नामान्तरण और विक्रय की अनुमति प्राप्त कर लेने से आप को मकान का अच्छा मूल्य मिल जाएगा।
क्या माँ के हाथो रजिस्ट्री हो सकती हैं
हम एक ज़मीन बीकानेर,राजस्थान मे ख़रीदना चाहते है किन्तु विकृेता उसे मुम्बई मे पंजिबद् करवाना चाहता है क्या ऐसा हो सकता है?
महोदय
मेरी शादी २०१० मे हुई थी. हम दोनो खुश थे. १७/०८/२०१४ को मेरी पत्नी उसके मायके देवास म.प्र. खुशी खुशी गयी. मेने उसे ८-१० दिनो के लिये भेजा था. वहा जाने के बाद मेरे ससुर और मेरे बीच पत्नी को समय पर भेजने को लेकर बहस हो गई. अब वो लोग मेरी पत्नी को भेज नही रहे है. मेरे खिलाप मारपिट का केस कर दिया है. मेने भी पत्नी को लाने के लिये धारा ९ एवं महिला आयोग मे आवेदन कर दिया है. मेरे ससुर एवं अन्य लोग मुझे मारने कि एवं ४९८ का केस करने की धमकी दे रहे है मै अपने बचाव मे एवं पत्नी को लाने के लिये और क्या कर सकता हु.