स्त्री की संपत्ति सब से पहले उत्तराधिकार में उस की संतानों को प्राप्त होगी।
समस्या-
विशाल कुमार ने मवई कलाँ, मलीहा बाद, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी समस्या यह है कि मेरे पापा ने दो शादियाँ की थी। उनकी पहली पत्नी के लडका पैदा हुआ, उसके बाद किसी बीमारी के कारण पहली पत्नी की मृत्यु हो गई उसके बाद मेरे पापा ने दूसरी शादी की जिनका पुत्र मै हूँ। कुछ समय बाद मेरे पापा की भी मृत्यु हो गयी। उसके बाद मेरे पापा की सारी संपत्ति 1/3 हो गई जिसमें पहले पत्नी के लडके व मेरी माँ को एवम मुझे अधिकार प्राप्त हुआ था अब मेरी माता जी की भी मृत्यु हो गई है क्या मेरी माता जी की संपत्ति मुझे अकेले को प्राप्त होगी।
समाधान-
आप की माता जी को जो संपत्ति आपके पिता से उत्तराधिकार में प्राप्त हुई वह उन की व्यक्तिगत संपत्ति हो चुकी थी। अब आप की माता जी के देहान्त के उपरान्त आप के माताजी का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-15 व 16 से शासित होगा।
इन धाराओं के अनुसार सब से पहले स्त्री की संपत्ति उस के पुत्रों व पुत्रियों को प्राप्त होगी। इस तरह यदि आप के अपनी माता से कोई भाई व बहिन नहीं हैं तो फिर उनकी सारी संपत्ति आप को ही प्राप्त होगी। धारा 15 की उपधारा (2) (बी) में यह उपबंध है कि स्त्री को कोई संपत्ति यदि उस के पति या ससुर से प्राप्त हुई थी तो वह मृतका की संतानों को प्राप्त होगी। निश्चित रूप से आप का सौतेला भाई आप की माँ की संतान नहीं है। इस कारण उसे आप की माता से उत्तराधिकार के रूप में कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।