मिथ्या तथ्य प्रकट कर के नौकरी हासिल करना अपराध है …
राकेश कुमार स्वामी ने अलवर राजस्थान से पूछा है-
मेरी बहिन की शादी 18 की उम्र की होने के पहले हो गई थी। शादी के के बाद आज तक ससुराल में नहीं गई। बहिन ने सीआईएसएफ में नौकरी के लिए आवेदन किया था जिस में उस ने खुद का स्टेटस अविवाहित होना लिखा है। अब उस का चयन भी हो गया है। ससुराल वाले कह रहे हैं कि हम शिकायत करेंगे कि तूने शादीशुदा होते हुए भी अविवाहित लिख कर नौकरी ली है।
समाधान-
आप की बहिन ने गलती की है। किसी भी नौकरी के लिए आवेदन करते समय कभी कोई गलत तथ्य नियोजक को नहीं बताने चाहिए। आप की बहिन यदि अपना स्टेटस विवाहित लिखती तब भी उस का चयन हो जाता क्यों कि चयन में इस का कोई अन्तर नहीं पड़ता कि आप की बहिन विवाहित है या नहीं है।
आवेदन प्रपत्र में गलत सूचना देने के कारण आप की बहिन का चयन निरस्त किया जा सकता है। 18 वर्ष की उम्र से कम उम्र में विवाह होने से वह स्वतः ही अकृत नहीं होता है। वह तब तक कायम रहता है जब तक कि उसे न्यायालय द्वारा अकृत घोषित नहीं कर दिया जाए।
आप की बहिन को चाहिए कि वह तुरन्त अपने नियोजकों को सूचित करे कि उस ने गलती से अपना स्टेटस विवाहित के स्थान पर अविवाहित लिख दिया है और इसे दुरुस्त किया जाए। इस का परिणाम क्या होगा यह तो नियोजन देने वाले अधिकारियों पर निर्भर करेगा। वे आप की बगन की गलती को माफ भी कर सकते हैं और गलत सूचना देने के लिए उस का आवेदन पत्र निरस्त भी कर सकते हैं। लेकिन इस तथ्य को छुपा कर किसी तरह नौकरी प्राप्त कर ली जाती है तो वह बड़ा अपराध होगा जिस का शमन किया जाना किसी प्रकार संभव नहीं हो सकेगा। कभी भी जब भी नियोजक को इस बात का ज्ञान होगा कि गलत तथ्य प्रकट कर के नौकरी हासिल की गई है उसे न केवल नौकरी से हटाया जा सकता है बल्कि अपराधिक मामले में उसे अभियोजित किया जा कर दंडित भी किया जा सकता है।
मै एक प्रतियोगी छात्र हू/ मेरा विवाह ११ फरबरी २०१० को हुआ था. मेरे ससुराल वालो ने अवं लड़की ने अपनी उम्र और अंकपत्र फ़र्ज़ी दिखाकर शादी कर दी.लड़की को सामाजिक ज्ञान एवं शारीरिक सेक्सुअल ज्ञान भी नहीं है. गरीब होने के नाते वो हमें अपनी की शादी समारोह मै भी नहीं बुलाते सर अपनी लड़की को ले जाते है. जबकि हम दोनों की उम्र मई ८- 10 साल का अंतर है. तथा पहले अंकपत्र मई फर्स्ट क्लास पास दिखाया गया था परन्तु वह थर्ड क्लास पास है. मैंने जब इस बात का विरोध किया तो वो मुझे दहेज़ प्रथा के केश मई फ़साने की बात करने लगे. तथा ससुराल वाले लड़की को अपने मन से ससुराल एवं घर मेरे माता पिता की मर्ज़ी के खिलाफ ले जाते है.तथा ६ ६ माह तक मेरे पास नहीं भेज़ते है. लड़की भी उन्ही का कहना मानती है. मैंने लड़की एवं ससुराल वालो से कई बार इस मसले पर शांतिपूर्वक बातचीत की. परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ है. अब उन्होंने मेरे ऊपर एक धारा १२५ से केस कर दिया है. प्लीज़ मेरा उचित मार्गदर्शान करे की मै क्या करू.
वीरेंद्र कुमार . जिला महोबा उत्तर प्रदेश